विदेश से एमबीबीएस: बैचलर ऑफ़ मेडिसिन एंड सर्जरी यानि एमबीबीएस (Bachelor of Medicine and Surgery- MBBS) कोर्स का अपना ही एक अलग महतव है। भारत जैसे देश में डॉक्टरों को भगवान के बराबर माना जाता है, और COVID-19 जैसे कठिन समय मै डॉक्टरों की अधिक जरूरत मह्सूस हुई तब से ही भारत के कई छात्रों का डॉक्टर बनने का सपना और बढ़ गया। MBBS कोर्स भारत और दुनिया भर में सबसे अधिक मांग वाले और सम्मानित चिकित्सा पाठ्यक्रमों में से एक है। डॉक्टर एक ऐसी नौकरी है जहां एक व्यक्ति को एक जीवन बचाने के लिए धन्यवाद दिया जाता है।
भारत में एमबीबीएस कोर्स 5.5 साल में पूरा किया जा सकता है जिसमें 4.5 साल की अकादमिक शिक्षा और 1 साल की अनिवार्य इंटर्नशिप शामिल है। आज भले ही कॅरिअर के लिए कितने नए विक्लप क्यों न आ जाएँ लेकिन डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स आज भी कम नहीं हैं। आज भी स्टूडेंट डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं, और उसे पूरा करने के लिए जी जान से मेहनत करते हैं। अगर हम NTA के जानकारी के अनुसार समझते है तो भारत मै हर साल 16 Lakh से भी अधिक छात्र NEET का परीक्षा देते है |
भारत में मेडिकल कोर्स की उपलब्धता
इस साल NTA के अपडेट के आधार पर NEET 2022 के entrance में 18,72,343 छात्रों ने NEET का रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरा हलकी इंडिया मै MBBS की सीट केवल 97, 293 है जिनमें 321 सरकारी और 291 प्राइवेट संस्थान शामिल हैं। कभी इस बारे मै नहीं सोचा गया की बाकी के छात्र का क्या होगा? और ये No. of candidates registered हर साल बढ़ेंगे ही और सीट मै सिर्फ 1000 से भी कम ही वृद्धि होगी।
2019, 2020, 2021 और 2022 के दौरान NEET (UG) के छात्रों का विवरण
भारत से MBBS करने का हर छात्र का सपना होता है लेकिन भारत के Top Private Medical Colleges की MBBS फीस का भुगतान करना आसान बात नहीं है अगर आपके NEET मै 600 + स्कोर आते है तो ही आप भारत के Top Government Medical Colleges से MBBS की पढाई कर सकते है परन्तु वही अगर आपके NEET में Low Score आते है तो आपके पास केवल कुछ ऑप्शन ही होते है|
ऑप्शन 1
आप एक साल और ड्राप करके नीट एग्जाम ही अच्छे से तैयारी करे और 2023 में फिर से एग्जाम दें। लेकिन आप आपने दिमाग में यह बात लेकर चले की भारत मै नंबर ऑफ़ कैंडिडेट्स मैं वृद्धि ही होगी और आपका कम्पटीशन बढ़ेगा सीट्स वही रहेंगी।
NEET के बढ़ते कटऑफ का तुलना
ऑप्शन 2
या तो आप MBBS कोर्स को छोड़कर दूसरे किसी और मेडिकल कोर्सेज को चुने जैसे BDS, BHMS, BSMS, BNYS, BAMS और इसकी पढाई आप भारत से ही कर सकते है।
ऑप्शन 3
आप भारत के टॉप प्राइवेट मेडिकल कॉलेजेस की 1 Cr से भी अधिक फीस दें या फिर आप अपने MBBS करने का सपना abroad के best country से करे जहा पर आपको भारत के comparison से काम फीस देनी होगी।
FMGE (NEXT) परीक्षा
FMGE परीक्षा भारत में भी मान्य है। विदेशों के पढ़ने के बाद छात्रों को भारत में मेडिकल की प्रैक्टिस करने के लिए लाइसेंस लेना जरूरी होता है और उसके लिए FMGE यानी फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम पास करना आवश्यक होता है। जो की अब NEXT एग्जाम से जनि जाती है; अब भारत मै प्रैक्टिस के लिए NEXT देना होगा जो छात्र विदेश से पढ़ कर आये है या फिर इंडिया से जिन छत्रो ने MBBS क्वालीफाई किया हैउनको भी ये परीक्षा देनी होगी।
भारत में मेडिकल कोर्स की फीस
बात की जाए भारत के सरकारी संस्थानों में MBBS कोर्स की फीस की तो यहां छात्रों को औसत 20,000 रुपये से 7.5 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं। वहीं बात अगर प्राइवेट संस्थानों की फीस की हो तो ये सरकारी संस्थानों से अलग हो सकता है। प्राइवेट कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस 20 लाख रुपये से 1.5 करोड़ रुपये से भी अधिक हो सकती है।
विदेशों में एमबीबीएस फीस
अगर भारतीय मेडिकल पढ़ाई और रूस जैसे मध्य एशियाई देशों में मेडिकल की पढ़ाई की तुलना की जाए तो आप पाएंगे कि रूस, किर्ग़िज़स्तान, कजाखस्तान, नेपाल, जॉर्जिया जैसे देशो में एक भारतीय छात्र को मेडिकल की पढ़ाई के लिए लगभग 30 – 35 लाख रुपये खर्च करने पड़ेंगे। इसके साथ ही इन जैसे देशों में प्राइवेट संस्थानों की फीस भी भारत के प्राइवेट संस्थानों के मुकाबले कम है। जबकि भारत में ये शुल्क 1.5 करोड़ तक पहुंच सकता है। ये सभी कारण मिल कर छात्रों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेशों तक पहुंचा रहे हैं। विदेशों के इन मेडिकल संस्थानों को WHO और NMC द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।
भारत और विदेश के फीस की तुलना
भारतीय छात्र विदेश से एमबीबीएस की पढ़ाई क्यों करना पसंद करते हैं?
विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई क्यों
- विदेश के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए कोई दान शुल्क नहीं देना पड़ता है।
- विदेशों में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए किसी भी तरह की प्रवेश परीक्षा की आवश्यकता नहीं है।
- इन देशों में रहने की लागत कम है।
- छात्र विदेश में कम फीस पर चिकित्सा शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
- विश्वस्तरीय अवसंरचना और सुविधाओं की उपलब्धता भी इसका प्रमुख कारण है कि छात्र विदेश में चिकित्सा अध्ययन करना चाहते हैं।
- विदेशों में कई चिकित्सा विश्वविद्यालय शिक्षा के माध्यम के रूप में अंग्रेजी भाषा का उपयोग करते हैं। इससे छात्रों के लिए पाठ्यक्रम का अध्ययन करना आसान हो जाता है।
- विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई करते समय, आपके लिए अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण और कार्य प्रदर्शन प्राप्त करने के कई अवसर हैं।
मबीबीएस प्रवेश प्रक्रिया क्या है?
विदेशों में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया बहुत सरल और परेशानी मुक्त है। छात्र को ऑनलाइन प्रवेश पत्र भरने और आवश्यक दस्तावेजों को ऑनलाइन या ऑफलाइन जमा करने की आवश्यकता है। एक बार जब आप दस्तावेज जमा करते हैं, तो तुरंत प्रवेश की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, छात्र को संबंधित देश के शिक्षा मंत्रालय से एक निमंत्रण पत्र मिलता है। इसके बाद, आप वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
विशिष्ट | विवरण |
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विदेश में एमबीबीएस अध्ययन के लिए प्रवेश परीक्षा | अन्य देशों के छात्र जो एमबीबीएस की पढ़ाई करना चाहते हैं, उन्हें भी नीट परीक्षा में बैठना होगा। विदेशी चिकित्सा विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस करने के लिए, भारतीय उम्मीदवारों को 2019 से शुरू होने वाली नीट परीक्षा देनी होगी। |
योग्यता | एनटीए द्वारा आयोजित एनईईटी-यूजी प्रवेश परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त करनी चाहिए। |
न्यूनतम प्रतिशत | 12वीं बोर्ड पर कम से कम 50% पीसीबी और अंग्रेजी स्कोर प्राप्त करना चाहिए |
आयु सीमा | उम्मीदवार की आयु 17 से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए। |
आवश्यक दस्तावेज़
- जन्म प्रमाणपत्र
- कक्षा 10 और 12 की मार्कशीट
- स्कूल छोड़ने और स्कूल प्रवासन प्रमाणपत्र
- नीट स्कोर कार्ड
- उद्देश्य का कथन
- सिफारिशी पत्र
- संक्षिप्त विवरण)
- व्यक्तिगत वित्तीय विवरण
- पासपोर्ट साइज फोटो
- चिकित्सा प्रमाण पत्र
भारतीय छात्रों के लिए विदेश से एमबीबीएस के लिए सर्वश्रेष्ठ देश
भारत में एमबीबीएस की डिग्री की लागत कई अन्य देशों की तुलना में अधिक है। अपने लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए विदेश यात्रा करने वाले भारतीय छात्रों के लिए प्रमुख उद्देश्यों में से एक यह है। भारत में ट्यूशन की बढ़ती लागत के कारण, छात्र या तो वहां के एक सरकारी विश्वविद्यालय में जाने का फैसला करते हैं या विदेश चले जाते हैं। इसलिए, यदि डॉक्टर बनना आपका लक्ष्य है, तो आपको या तो राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) पास करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी या ऐसे विश्वविद्यालयों की तलाश करनी होगी जो विदेशों में भारतीय छात्रों के लिए किफायती एमबीबीएस कार्यक्रम पेश करते हों। कम लागत पर भारतीय छात्रों के लिए विदेश में एमबीबीएस के लिए शीर्ष देशों की सूची यहां दी गई है:
एमबीबीएस के लिए शीर्ष देश | एमबीबीएस के लिए शीर्ष देश |
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आर्मीनिया | मलेशिया |
रूस | किर्ग़िज़स्तान |
बंगलादेश | नेपाल |
बेलारुस | पोलैंड |
जॉर्जिया | कजाखस्तान |
विदेश के टॉप मेडिकल कॉलेज
कॉलेज के नाम | देश का नाम | लगभग फीस का खरचा (साल आना ) |
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कुर्स्क राज्य चिकित्सा विश्वविद्यालय | रूस | 8000 USD |
बशख़िर राज्य चिकित्सा विश्वविद्यालय | रूस | 3,732 USD |
येरेवन हेबुसाक विश्वविद्यालय अर्मेनिया | अर्मेनिया | 4500 USD |
मणिपाल यूनिवर्सिटी कॉलेज मलेशिया | मलेशिया | 1,45,000 USD (कुल फीस) |
काठमांडू विश्वविद्यालय नेपाल | नेपाल | Rs 18,00,000/- |
पाटन स्वास्थ्य विज्ञान अकादमी नेपाल | नेपाल | Rs 30 ,0000 (कुल फीस) |
बटुमी शोता रुस्तवेली स्टेट यूनिवर्सिटी | जॉर्जिया | 4000 USD |
एशियाई चिकित्सा संस्थान | किर्गिज़स्तान | Rs. 4,20,000/ Year |
अल-फ़राबी कज़ाख राष्ट्रीय विश्वविद्यालय | कजाखस्तान | 4200 $4200 |
भारत Vs विदेश से एमबीबीएस के बीच अंतर (ग्राफिकल प्रतिनिधित्व)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)
विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई कैसे करें?
रूस की यूनिवर्सिटीज में प्रवेश प्रक्रिया सरल है। छात्रों को रूस में MBBS की पढ़ाई करने के लिए अलग से देश आधारित परीक्षाएं जैसे कि MCAT आदि देने की कोई आवश्यकता नहीं हैं। रूस में MBBS दाखिले के लिए IELTS या TOEFL जैसी भाषओं की परीक्षा में उतीर्ण होना आवश्यक नहीं है।
विदेश में एमबीबीएस की फीस कितनी है?
विदेश विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद स्टूडेंट्स को भारत में इंटर्नशिप करनी पड़ती है। विदेश से एमबीबीएस प्रोग्राम को पूरा करने के लिए औसत खर्च 28 से 30 लाख रुपये आता है। यहां की मेडिकल यूनिवर्सिटीज की औसत सालाना फीस 4000 USD और हॉस्टल फीस 500 से 600 USD होती है।
क्या विदेश मै नीट के बिना एमबीबीएस की पढ़ाई कर सकते है?
हालाँकि आप NEET परीक्षा दिए बिना एमबीबीएस नहीं कर सकते। भारत में हर संस्थान के लिए NEET स्कोर लेना अनिवार्य कर दिया गया है। अगर आप विदेश में पढ़ाई करने की योजना बना रहे हैं, तो भी भारतीय छात्रों के लिए NEET अनिवार्य है।
क्या विदेश में एमबीबीएस के लिए कोई प्रवेश परीक्षा है?
विदेश मै प्रवेश लेने के लिए किसी प्रवेश परीक्षा की आवश्यकता नहीं है – विदेश में एमबीबीएस का अध्ययन करने के लिए, भारतीय छात्रों को केवल अपनी 12 वीं में भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के साथ न्यूनतम 50% सुरक्षित करने और एनईईटी यूजी उत्तीर्ण करने की आवश्यकता है। आईईएलटीएस और टीओईएफएल जैसी प्रवेश परीक्षाओं की आवश्यकता नहीं है।
क्या विदेश में एमबीबीएस करना बेहतर है?
भारतीय निजी विश्वविद्यालयों की तुलना में किर्गिस्तान, कजाकिस्तान और जॉर्जिया जैसे अन्य देशों में एमबीबीएस की फीस कम है। इन देशों से एमबीबीएस की डिग्री का भारत में भी अच्छा महत्व है।